अनेक रोग-विकारों में सहायक नाशपाती एक ऐसा फल है जो पौष्टिक और गुणकारी होने
के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है जोकि दूसरे फलों की अपेक्षा एक सस्ता फल है। विटामिन
‘सी’ और ‘ए’ से भरपूर नाशपाती भारत में यूरोप और ईरान से आई है और धीरे-धीरे यहां भी इसकी
खेती होने लगी। भारत में नाशपाती की खेती हिमाचल प्रदेश तथा कश्मीर में की जाती हैं।
इस फल के स्वास्थ्य लाभ इतने हैं कि आप गिनते-गिरते थक जाएंगे।
नाशपाती में काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे रक्तचाप, कैंसर, मधुमेह,
त्वचा रोग, पेट संबन्धित बीमारियां आदि आराम से ठीक हो सकती हैं।
नाशपाती को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है:
1. चाइना या साधारण नाशपाती
2. यूरोपीय नाशपाती
3. यूरोपीय और चाइना नाशपाती को मिलकर
बनाई गई संकर नस्ल की नाशपाती।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज़िलों में चाइना नाशपाती की खेती होती है। यह अन्य
किस्म के मुकाबले में कठोर होते हैं और मुरब्बा बनाने एवं डिब्बाबंदी के कार्य में
इस्तेमाल किये जाते हैं।
यूरोपीय किस्मों में लैक्सटन्स सुपर्व, विलियम्स तथा कॉन्फ्रसें उत्तम किस्में
है। इनके फल कोमल, रसदार और मीठे होते हैं। इनकी कृषि कुमाऊँ तथा चकराता में सफलतापूर्वक
की जा सकती है। संकर किस्मों को नाख भी कहते हैं। यूरोपीय किस्मों की अपेक्षा ये अधिक
सहिष्णु होती हैं। इनमें लेकांट, स्मिथ तथा किफर बहुत ही प्रचलित किस्में हैं।
नाशपाती के फायदे
नाशपाती के सेवन से न केवल वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं बल्कि इससे मस्तिष्क को भी शक्ति मिलती है। यह एक ऐसा फल है जो बच्चों की स्मरण शक्ति भी बढ़ाती और शारीरिक विकास भी होता है। भोजन को पचाने में नाशपाती एक सहायक के रूप में काम करती है साथ इससे लिवर को भी शक्ति मिलती है।
नाशपाती फाइबर का एक अच्छा स्त्रोत हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता हैं। इसमें मौजूद पेक्टिन कब्ज और दस्त को ठीक कर सकता है। इसके जूस को रोजाना पियें।
एनीमिया से बचाए नाशपाती आयरन का एक अच्छा स्त्रोत हैं जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता हैं और एनीमिया से ग्रस्त रोगियों को सुरक्षा प्रदान करता हैं।
नाशपाती में पक्टिन होता है जो कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसका रस सभी को पीना चाहिये।
नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और जुकाम, फ्लू और संक्रमण से लड़ने में मदद करता हैं।
इसमें कॉपर और विटामिन सी होता है, जिसे रोजाना खाने से कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
नाशपाती का जूस पीने से तुरंत ही शरीर में ऊर्जा बढ़ती है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि इसमें ग्लूकोज होता है।
नाशपाती में अधिक मात्रा में बोरोन होता है। बोरोन हड्डियों में कैल्शियम को बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए नाशपाती का सेवन करने से आस्टियोपोरोसिस होने का खतरा नहीं होता।
नाशपाती में मौजूद पोटैशियम और ग्लूटाथिओन होते हैं जो कि एक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट हैं और रक्तचाप को कम करने तथा दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
प्रचुर मात्रा में फाइबर से युक्त नाशपाती मधुमेह रोगियों के लिये अच्छा होता है। इसकी शर्करा को खून धीरे-धीरे अवशोषित कर लेता है और फाइबर इसके स्तर को नियंत्रित रखता है।
एक अध्ययन के मुताबिक नाशपाती फाइबर और विटामिन सी का एक बहुत अच्छा स्रोत है। इससे आप अपने शरीर में कैलोरी की मात्रा को कम कर सकते हैं। माना जाता है कि एक मीडियम नाशपाती 24 फीसदी फाइबर देता है। यह एक ऐसा फल है जो न केवल सोडियम फ्री है बल्कि कोलेस्ट्रॉल से मुक्त और वसा रहित भी है। सेहत विशेषज्ञों का मानना है कि इस अकेले फल से पुराने रोगों को दूर कर सकते हैं। नाशपाती फल एक ऐसा घरेलू उपाय है जिसके जरिए आप हैंगओवर की समस्या को भी दूर कर सकते हैं।
नाशपाती के औषधीय गुण
1. अगर भूख नहीं लगती है तो नाशपाती को छीलकर, उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके उन्हें हल्का-सा गर्म करके, उन पर भुना हुआ जीरा और काली मिर्च का चूर्ण, काला नमक मिलाकर सेवन करने से बहुत फायदा होता है। भूख भी तेजी से लगती है। पाचन क्रिया भी तीव्र होती है।
2. पकी हुई नाशपाती को कद्दूकस पर कसकर उसमें पोदीने की पिसी हुई पत्तियों को मिलाकर लेप बना लें। चेहरे को हल्के गर्म पानी से साफ करके उंगलियों से चेहरे पर लगाएं। 25 मिनट बाद टिश्यू पेपर से चेहरा साफ करके पहले हल्के गर्म और फिर ठंडे पानी से साफ करें। ऐसा करने से चेहरे की त्वचा में अद्भुत निखार आता है।
3. एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होने की वजह से नाशपानी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉहल को कम करने में नाशपाती एक अहम भूमिका निभाता है।
4. बच्चों को रोजाना नाशपाती खाने या उसका जूस पीने से बहुत लाभ होता है। नाशपाती से दिमाग को शक्ति मिलने से स्मरण शक्ति प्रबल होती है।
5. प्रतिदिन नाशपाती के सेवन से वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है। यह हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है।
6. दस्त और पेचिस की समस्या होने पर नाशपाती खाने या उसका रस पीने से बहुत लाभ होता है।
7. गर्मी होने या अन्य किसी कारण से पेशाब अवरोध होने पर 150 से 200 ग्राम नाशपाती का रस सुबह-शाम पीने से पेशाब का निष्कासन सरलता से होने लगता है।
8. कब्ज होने की स्थिति में स्त्री-पुरूषों को प्रतिदिन नाशपाती खाना चाहिए या उसका रस पीना चाहिए। कब्ज की समस्या शीघ्र नष्ट होती है।
9. गर्भावस्था में योनि से किसी तरह का स्राव होने लगे तो नाशपाती का सुबह-शाम सेवन करने से बहुत फायदा होता है
10. नाशपाती के रस में काला जीरा और काला नमक डालकर पीने से अधिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है।
11. आयरन का स्रोत होने की वजह से नाशपाती हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता हैं और एनीमिया से ग्रस्त रोगियों को सुरक्षा प्रदान करता हैं।
नाशपाती खरीदते समय ध्यान रखें
नाशपाती खरीदते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि यह ज्यादा मुलायम न हो और न ही सख्त। इससे मीठी खुशबू आनी चाहिए। अगर इसमें थोड़े बहुत भूरे धब्बे हैं तो कोई बात नहीं लेकिन अगर ये बहुत ज्यादा पका हो तो न लें। नाशपाती को खरीदने के दो-तीन दिन तक खा लेना चाहिए।