तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने 5 और 6 सितंबर को कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल / डीज़ल डिस्ट्रीब्यूशन मशीनों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में साइबराबाद और नंदीगाम पुलिस ने संयुक्त रूप से मारे छापों में एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
फ्यूल डिस्पेंसर मशीनों के साथ इस तरह की छेड़छाड़ कर इन लोगों ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों में जनता के करोड़ों रुपये का नुकसान पहुँचाया है ।
पुलिस के अनुसार, ये लोग पेट्रोल पंप पर लगी दो मशीनों में से केवल एक ईंधन पंप में आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट चिप्स) इनस्टॉल करते थे। वाहनों में ईंधन भरने के लिए, हेरफेर किए गए पंपों का उपयोग किया जाता था और प्लास्टिक की बोतलों, डिब्बे, आदि में फ्यूल लेने वालों को के लिए दूसरे सही वाले पंप का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें हेरफेर नहीं किया गया था, ताकि जनता को धोखाधड़ी के बारे में पता न चले।
"2018 में, देश भर में, सभी पेट्रोल पंप स्टेशनों में नया सॉफ्टवेयर इनस्टॉल किया गया था। इस गिरोह ने 2019 के बाद से आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट चिप्स) स्थापित करना शुरू कर दिया था। लगभग 1 वर्ष से अधिक समय से वे इस धोखाधड़ी में लिप्त रहे हैं। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने धोखाधड़ी और अनियमितताओं से संबंधित जानकारी को संबंधित ईंधन निगमों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ शेयर करते हुए बड़े पैमाने पर हो रही ऐसी धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोकने के लिए, इन निगमों को भविष्य में अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
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