Saturday, June 25, 2022

शनिवार आ रहा है

एक बार फिर ये आ रहा है
एक और शनिवार आ रहा है
उसके इंतजार में आज फिर
मेरा दिल बैठा जा रहा है

मालूम है मुझको ये बात भी
वो मुझको धोखा दिए जा रहा है
फिर भी ना जाने क्यूँ 
उसकी बातों पे यकीन आ रहा है। 

वो अब पहले जैसा नहीं रहा, 
वक्त के साथ वो भी बदलता जा रहा है। 
आज कर दूँगा, कल कर दूँगा, ऐसे कहकर 
सालों से बहलाए जा रहा है। 

हम उसको कह कह कर थक गए 
और वो मिल्खा की तरह भागे जा रहा है 
आम का सीजन आ गया है, इसलिए 
उसके घर आम की पेटी भिजवा रहा हूं। 

आम खाने का बहुत शौक है उसको, 
वो अपना ये शौक पूरा कर सके,
इसलिए अपने शिव के हाथों
आम की दो पेटी भिजवा रहा हूँ। 

MoM की कितनी जरूरत है हमको 
ये बात सालों से उसको समझा रहा हूँ, 
AGM कितना जरूरी है हमारे लिए, 
जाने क्यों उसको समझा नहीं पा रहा हूँ। 

*रोहित मेहता जी को समर्पित*

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