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एनआरएचएम योजना के तहत कार्यरत नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने संवाददाताओं को घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि माल्दा जिले के माणिकचक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में जहां कल महिलाओं का ऑपरेशन किया गया , उसमें आपरेशन के लिए जरूरी न्यूनतम सुविधाओं का अभाव था।
आधी बेहोशी की हालत में इन महिलाओं को खुले में गंदगी के बीच में खेत में छोड़ दिया गया। नर्सों ने बताया कि रास्ते से गुजरते लोग उन्हें हैरानी भरी नजरों से देख रहे थे। बताया जाता है कि ऑपरेशन कराने वाली कुछ महिलाओं को एक निश्चित अवधि तक निगरानी में रखे बिना ही वैन और रिक्शा से घर भेज दिया गया।
नसबंदी शिविर का आयोजन प्रखंड चिकित्सा अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉक्टर जॉयदीप मजूमदार द्वारा करवाया गया था। संपर्क करने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (स्वास्थ्य) माल्दा , डॉक्टर बी मिश्रा ने कहा कि ऑपरेशन करवाने वाली महिलाओं को खुले खेत में छोड़ देना 'अमानवीय' है। उन्होंने बताया कि शिविर के आयोजन के लिए विभाग से कोई मदद नहीं मांगी गई थी और वह पहले ही घटना की जांच के आदेश दे चुके हैं।
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